MAJOR COMPONENTS OF COMPUTER/ कंप्यूटर के महत्वपूर्ण भाग

जिस तरह एक इंसान का शरीर मुलरूप से भौतिक (स्थूल) एवं आत्मिक (सुक्ष्म) अवस्था में रहता है ठीक उसी प्रकार से कंप्यूटर का असतित्व भी मुलरूप से दो अवस्थाओं पर निर्भर करता है। भौतिक अवस्था (हार्डवेयर) एवं तार्किक/आत्मिक अवस्था (साॅफ्टवेयर) पर निर्भर करता है।

जिस तरह मानव के हाड़ मांस से बने शरीर में यदि आत्मा नहीं होगी तो वह मृत है, और बिना शरीर के कोई आत्मा होती है तो उसे भूत की संज्ञा दी जाती है अर्थात शरीर और आत्मा एक दूसरे के पुरक है ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर को चलाने के लिए हार्डवेयर एवं साॅफ्टवेयर दोनो की आवश्यक्ता रहती है यंे एक दूसरे के पुरक होते है , बिना साॅफ्टवेयर के हार्डवेयर कुछ काम का नहंी और बिना हार्डवेयर के साॅफ्टवेयर कुछ काम का नहीं।


 कंप्यूटर हार्डवेयर 

हार्डवेयर कंप्यूटर का वह विभाग है जो भौतिक अर्थात स्थुल रूप से विद्यमान रहता है जिसे देखा , छूआ, और महसूस किया जा सकता हंै। 

कंप्यूटर के हार्डवेयर विभाग के अंतर्गत निम्नलिखित महत्वपुर्ण कंपोनेंट आते हंै 



1 CPU 

सीपीयू कंप्यूटर का एक अति महत्वपुर्ण भाग है। जिस तरह से किसी इंसान को कोई भी निर्देश दिये जाते है तो उन निर्देशों का क्रियान्वयन उसके मस्तिष्क मे होता है तब ही वह दिये गये निर्देशो को कार्य रूप में परिणित कर पाता है ठीक उसी प्रकार यूजर द्वारा कंप्यूटर को जो कोई भी निर्देश दिये जाते है उनका क्रियान्वयन यानि की प्रोसेसिंग सीपीयू में होती है, इसी प्रोसेसिंग के कार्य के कारण सीपीयू को प्रोसेसर भी कहा जाता है।

साधारण शब्दों में कहें तो CPU कंप्यूटर का वह भाग है जो यूजर से प्राप्त निर्देशों की अनुपालना करते हुए उन पर कार्य करके उन्हे परिणाम में परिवर्तित करता है
कंप्यूटर का सीपीयू निम्नलिखित अंगो से मिलकर बना होता है
ALU:- ARITHMATIC LOGIC UNIT
CU :- CONTROL UNIT
BUSES:- DATA BUS, ADDRESS BUS ETC.
REGISTER MEMORY

2 INPUT DEVICES

                                INPUT DEVICES  कंप्यूटर का वह भाग है जो कंप्यूटर को INPUT INSTRUCTIONS अर्थातृ आगत निर्देश देने के काम आते हैं
कंप्यूटर में प्रयोग होने वाली कुछ प्रमुख इनपुट डिवाईस निम्न है।

KEYBOARD,MOUSE, JOYSTICK, MICR, OCR, BCR, OMR, SCANNER,TRACKBALL, LIGHTPEN ETC.


3 OUTPUT DEVICES

                                       जब CPU युजर द्वारा प्राप्त निर्देशो को परिणामों में बदल चुका होता है तब उसके बाद जो अगला महत्वपूर्ण टास्क होता है , उन प्राप्त परिणामों को यूजर तक पहुँचाना । अतः वे युक्तियां जिनके द्वारा सीपीयू से प्राप्त परिणामों को यूजर तक पहँुचाया जाता है उन्हें OUTPUT DEVICES कहते हैं
OUTPUT DEVICES  के कुछ प्रमुख EXAMPLE  निम्न है
 
MONITOR, PRINTER, PLOTTER, SPEAKER, PROJECTOR ETC.


4 COMPUTER MEMORY

                                                 जिस प्रकार एक मनुष्य में तात्क्षणिक ,दिन भर की , सप्ताह भर की , महीने , सालभर , या सालों साल की सुचनाओं को संग्रहित करने के लिए स्मृति अर्थात मैमोरी होती है ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर में भी सूचनाओ को संग्रहित करने का की एक कार्यप्रणाली होती है जिसे कंप्यूटर मैमोरी कहा जाता है।

कार्यप्रणाली के आधार पर कंप्यूटर की मुख्य रूप से दो प्रकार की मैमोरी होती है

PRIMARY MEMORY 

प्राइमरी या प्राथमिक जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है किसी भी शब्द के आगे  प्राइमरी शब्द जुड़ जाने से वह शब्दावली अति महत्वपुर्ण विषय की और इंगित करती है अतः उपरोक्त विषय में हम कंप्यूटर की प्राइमरी मैमोरी के बारे में कह सकते है कि यह कंप्यूटर की ऐसी मैमोरी होती है जिसका होना कंप्यूटर में अति आवश्यक होता है, या युं कहे कि जिसके ना होने से कंप्यूटर अपना कोई भी कार्य सुचारू रूप से नहीें कर सकता , कंप्यूटर के चालू होने से लगाकर उसके बंद होने तक उसके जितने भी मुलभूत कार्य है वे सभी प्राइमरी मैमोरी की सहायता से ही संभव है।   
प्राइमरी मैमोरी के संघठन को हम नीचे दिये गये चित्र से समझ सकते ह


SECONDARY MEMORY

जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है द्वितीयक मैमोरी वह मैमोरी होती है जिसका कार्य यूजर के डैटा को परमानेंटली यानि की स्थायी तौर पर संग्रहित करके रखने का होता है,  इस मैमोरी में संग्रहित किया गया डेटा दिन , महिने और सालों साल स्टोर रहता है बशर्ते यूजर स्वयं ही उसको डिलीट ना कर दे , सामान्य तौर पर इस प्रकार की मैमोरी का उपयोग यूजर कंप्यूटर में अपने निजी डेटा जैसे कि  मुवी, विडियो, साॅंग, या अन्य किसी भी प्रकार के डाॅक्यूमेंट को स्टोर कर के रखने के लिए करता हैं साथ ही सैकंडरी मैमोरी जो आजकल के कंप्यूटर में हार्ड डिस्क के रूप में कंप्यूटर में लगी रहती है उसमे कंप्यूटर की अति महत्वपुर्ण आॅपरेंटिंग सिस्टम की सिस्टम फाईल्स भी एक पार्टिशन में स्टोर रहती है 
सैंकडरी मैमोरी के प्रकारों का संगठनात्मक ढांचा हम इस चित्र से समझ सकते हैं।

  

       TYPES OF SECONDARY MEMORY




कंप्यूटर में मैमोरी मापन की ईकाईयां

दैनिक जीवन में हर वस्तु का कोई ना कोई आयतन , परिमाप होता है जैसे कि ग्राम , लीटर , तौला  टन,  क्विंटल इत्यादि ठीक उसी प्रकार से कंप्यूटर मैमोरी को मापने की भी ईकाईयां होती है जो कुछ इस प्रकार से हैं।








 कंप्यूटर साॅफ्टवेयर



कंप्यूटर साॅफ्टवेयर कंप्यूटर का वह भाग है जो हार्डवेयर की तरह भौतिक रूप से नहीं परंतु तार्किक रूप से कंप्यूटर में विद्यमान रहता है अर्थात जिसे छूआ नहीं जा सकता जिसका कोई भार या आयतन नहीं होता किंतु यह इलेक्ट्रिाॅनिक अवस्था में रहने वाला होता है

एक साॅफ्टवेयर निर्देशों का समुह होता है , सामुहिक रूप से इन निर्देशों को प्रोग्राम कहा जाता है, एक साॅफ्टवेयर में एक या एक से अधिक ऐसे कई प्रोग्राम हो सकते हैं , 
 
   सामान्य रूप से कंप्यूटर मे निर्देश इसलिए तैयार किये जाते है क्युंकि हम जानते है कि कंप्यूटर के पास स्वयं की कोई बुद्धि नहीं होती है उसे कोई भी कार्य करने के लिए युजर द्वारा प्राप्त निर्देशों की आवश्यक्ता होती है।




साॅफ्टवेयर के प्रकार 

कार्य करने की पद्धति के अनुसार मुख्य रूप से साॅफ्टवेयर 2 प्रकार के होते हैं

   


SYSTEM SOFTWARE

जैसा कि नाम से विदित है SYSTEM अर्थात हमारा कंप्यूटर , और SYSTEM SOFTWARE अर्थात वे साॅफ्टवेयर जो हमारे कंप्यूटर को चलाने के लिए अति आवश्यक होते हैं उन्हे SYSTEM SOFTWARE कहते हैं 
SYSTEM SOFTWARE को SYSTEM PROGRAM  भी कहा जाता है

सिस्टम साॅफ्टवेयर के संगठन को हम निम्न चित्र के माध्यम से समझ सकते हैं
    



APPLICATION SOFTWARE

                             एप्लिकेशन साॅफ्टवेयर वह साॅफ्टवेयर होते है जो अलग अलग यूजर की अलग अलग आवश्यकताओं के अनुरूप बनाऐ जाते हैं 
क्योंकी इस प्रकार के साॅफ्टवेयर यूजर के कार्य विशेष को पुरा करते हैं, अतः इन्हे यूजर प्रोग्राम भी कहा जाता है और ये SOFTWARE सीधे तौर पर कंप्यूटर की कार्यक्षमता पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं अर्थात इनके होने या ना होने से कंप्यूटर की आधारभूत कार्यक्षमता प्रभावित नहीं होती है पर इनके नहीं होने से उस पर्टिकुलर युजर का कार्य जरूर प्रभावित होगा , जिसके लिए वो साॅफ्टवेयर बनाया गया। उदाहरण के लिए  यदि किसी कंप्यूटर में MS PAINT नही ंहै तो केवल उस यूजर का कार्य प्रभावित होगा जिसको पेंटिग करनी है, यदि किसी कंप्यूटर में POWER POINT एप्लिकेशन नहीं है तो उस युजर का कार्य प्रभावित होगा जिसको कोई प्रजेंटेशन बनानी है। 


                                  

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