कंप्यूटर नेटवर्क में प्रयूक्त उपकरण /COMPONENTS USED IN COMPUTER NETWORK

 
कंप्यूटर नेटवर्क में प्रयूक्त उपकरण /COMPONENTS USED IN COMPUTER NETWORK 

  1. Firewalls  :- 
  2. Bridges
  3. Repeaters
  4. Modem
  5. Switches
  6. Hubs
  7. Routers
  8. Network Interface Cards

  1. Firewalls  :- 

Firewall Computer को सुरक्षित रखने के लिए एक व्यवस्था है जो सभी तरह के Computers और उसके networks को घुसपेठियों, hackers और malware से बचा कर रखता है. Firewall हमारे Computer को आक्रामक software से बचाती है जो चुपके से हमारे Computers के अन्दर आ जाती है और सभी personal details उस software को भेजने वाले hackers के पास पहुंचा देती है जो इसका बहुत गलत फायेदा उठाता है. 

Firewall के प्रकार 

तीन प्रकार के फायरवॉल हैं जिनका उपयोग कंपनियों द्वारा अपने डेटा और उपकरणों की रक्षा के लिए किया जाता है ताकि विनाशकारी तत्वों को नेटवर्क से बाहर रखा जा सके। Packet Filters, Stateful Inspection and Proxy Server Firewalls.  आइए हम आपको इनमें से प्रत्येक के बारे में एक संक्षिप्त परिचय देते हैं।


A. Packet Filters

Packet Filter Firewall का उपयोग outgoing और incoming पैकेटों की निगरानी करके और उन्हें IP addresses, protocols and ports के आधार पर pass या halt करने के लिए नेटवर्क एक्सेस को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

Packet filtering तकनीक छोटे नेटवर्क के लिए उपयुक्त (suitable) है लेकिन बड़े नेटवर्क पर लागू होने पर जटिल हो जाती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इन प्रकार के फायरवॉल सभी प्रकार के हमलों को रोक नहीं सकते हैं। वे न तो उन हमलों से निपट सकते हैं जो application layers vulnerabilities का उपयोग करते हैं और न ही spoofing attacks के खिलाफ लड़ सकते हैं।

B. Stateful Inspection

Stateful Packet Inspection, जिसे कभी-कभी dynamic packet filtering भी कहा जाता है, एक शक्तिशाली फ़ायरवॉल आर्किटेक्चर है जो end to end traffic streams की जांच करता है। ये स्मार्ट और तेज़ फ़ायरवॉल पैकेट हेडर का विश्लेषण करके और प्रॉक्सी सेवाओं को प्रदान करने के साथ पैकेट की स्थिति का निरीक्षण करके अनधिकृत ट्रैफ़िक को बंद करने के लिए एक बुद्धिमान तरीके का उपयोग करते हैं। ये फ़ायरवॉल OSI मॉडल में नेटवर्क लेयर पर काम करते हैं और बुनियादी पैकेट फ़िल्टरिंग फायरवॉल की तुलना में अधिक सुरक्षित होते हैं। 

C. Proxy Server Firewalls

इन्हें application level gateways भी कहा जाता है, Proxy Server Firewalls सबसे सुरक्षित प्रकार के firewalls होते हैं जो प्रभावी रूप से application layer पर संदेशों को फ़िल्टर करके नेटवर्क संसाधनों (resources) की सुरक्षा करते हैं।

Proxy firewalls आपके IP address को mask करते हैं और ट्रैफ़िक प्रकारों को सीमित करते हैं। वे जिन प्रोटोकॉल को support करते हैं, उनके लिए एक पूर्ण और protocol-aware सुरक्षा विश्लेषण प्रदान करते हैं। प्रॉक्सी सर्वर सबसे अच्छा इंटरनेट अनुभव प्रदान करता है और नेटवर्क प्रदर्शन में सुधार करता है। 

 2. BRIDGES 

सामान्य जीवन मे  हम सभी को मालूम है कि ब्रिज एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम दो स्थानों को कनेक्ट कर सकते है ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर नेटवर्क में ब्रिज का उपयोग LAN  नेटवर्क को आपस में जोडने के लिए किया जाता है , फिर सवाल उठता है कि LAN नेटवर्क को जोडने के लिए तो HUB का भी इस्तेमाल हो सकता है तो फिर ब्रिज का क्या उपयोग, ब्रिज का उपयोग यह है कि इसकी   सहायता से हम 2 अलग अलग LAN NETWORK को आपस में कनेक्ट कर सकते हैं।  ब्रिज OSI माॅडल की डेटा लिंक लेयर पर काम करता है। ब्रिज कंटेंट फिल्टिरिंग का कार्य करता है , तथा ये मैक एड्रेस को भी रीड कर सकता है, मैक एड्रेस किसी भी डिवाईस का फिजीकल एड्रेस होता है 


 






3.  REPEATERS :-  

वायरलैस कंप्यूटर नेटवर्किंग में सिग्नल डिग्रेडेशन या सिग्नल लाॅस एक आम समस्या है जहां एक निश्चित दूरी के बाद सिग्नल की स्ट्रेग्थ कम होने लगती है , तो नेटवर्क रिपीटर एक शक्तिशाली डिवाईस है जिसका उपयोग नेटवर्क signals को रिजनरेट करने के लिए किया जाता है सिग्नल जब लंबी दूरी तय करते है तब इनकी strength समान रहे यही repeater का काम होता है ये Signal को Amplify नहीं करते बल्कि Signal के Weak होने पर उन्हें Bit By Bit कॉपी करते हैं फिर उसे Regenerate करते हैं.

रिपीटर्स का इस्तेमाल Ethernet  नेटवर्क को Establish करने में भी किया जाता है। रिपीटर OSI Layer के First Layer में स्थित होता है. रिपीटर्स में उन Cable का इस्तेमाल किया जाता है जो कम से कम 100 मीटर की दूरी को कवर करती हो। इनके लिए Optical Fiber, Copper, Coaxial का इस्तेमाल होता है 




4. MODEM :-

                          माॅडैम एक ऐसी डिवाईस है जो टेलिफाॅन लाईन और हमारे कंप्यूटर के बीच लगा रहता है यह सिग्नल स्विचिंग का कार्य करता है अर्थात कंप्यूटर से आने वाले डिजीटल सिग्नल को एनाॅलाॅग में तथा टेलिफाॅन लाईन से आने वाले एनाॅलाॅग सिग्नल को डिजीटल में परिवर्तित करने का कार्य करता है। इस प्रक्रिया को क्रमशः माॅड्यूलेशन तथा डिमाॅड्यूलेशन कहा जाता है तथा इस डिवाईस को माॅडेम कहा जाता है।   

एक मोडेम की गति बीपीएस (bps) और केबीपीएस( Kbps) में मापा जाता है । 



5.  SWITCHES :-  

                             स्विच एक सेंट्रलाईज्ड मिडियम की तरह है जो लेन नेटवर्क में उपस्थित सभी कंप्यूटर को आपस में जोड़ कर रखता है, स्विच को स्मार्ट हब भी कहते है क्योकी यह भी एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में डैटा पहुंचाने में सहायक है , लेकिन हब को जहां ये नही मालूम होता है कि डेटा को नेटवर्क में किस कंप्यूटर विशेष तक पहुचांना है वही पर स्विच को ये मालूम होता है कि कोई भी पर्टिकुलर डैटा नेटवर्क में किस कंप्यूटर से संबधित है , इसलिए इसे स्मार्ट हब की संज्ञा दी गई है। स्विच मुख्य रूप से 5,8,16,24,28 और 32 पोर्ट  में इस्तेमाल किए जाते हैं    स्विच एक स्मार्ट डिवाईस है क्योंकी यह नेटवर्क से गुजरने वाले हर डेटा पैकेट के  MAC ADDRESS  और पोर्ट संख्या को एक टेबल के रूप में स्टोर करती है और फिर डेटा को स्मार्टली  उसी अनुरूप ट्रासंफर करती है।






6. HUBS :-    

                        Hub एक ऐसा device होता है जो की एक network connection को multiple computers में split करता है. यह एक distribution center के जैसा होता है. जब एक COMPUTER  information के लिए request करता है किसी एक network से या एक specific computer से, तब ये उस request को send करता है hub को एक cable के माध्यम से. तब hub उस request को receive करती है और उसे पुरे network में transmit करती है. उस network में मेह्जुद प्रत्येक COMPUTER को फिर ये जानना होता है की ये जो data broadcast हुआ होता है ये उनके लिए है या फिर नहीं.  Hubs data को filter नहीं कर सकता है, इसलिए data packets को सभी connected devices को भेजा जाता है. 



 7. ROUTERS :-    

                                 Routers छोटे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होते हैं जो वायर्ड या वायरलेस कनेक्शन के माध्यम से कई कंप्यूटर नेटवर्क को कनेक्‍ट करते हैं।  Routers डिवाइस में सॉफ़्टवेयर होता हैं जो किसी विशेष ट्रांसमिशन के लिए, उपलब्ध paths का सर्वोत्तम path निर्धारित करने में सहायता करते हैं। आसन भाषा में Router एक कंप्‍यूटर नेटवर्क को दूसरे कंप्‍यूटर नेटवर्क से कनेक्‍ट करता हैं या एक कंप्‍यूटर नेटवर्क को इंटरनेट से कनेक्‍ट करता हैं।इसलिए Route कि पोजिशन आपके मॉडेम और कंप्यूटर के बीच होती है।    




8. NETWORK INTERFACE CARD :- 

                                               NIC का पुरा नाम नेटवर्क इंटरफेस कार्ड होता है। नेटवर्क इंटरफेस कार्ड एक हार्डवेयर घटक है जिसके बिना कंप्यूटर को नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सकता है। यह एक कंप्यूटर में इनस्टॉल सर्किट बोर्ड होता है जो कंप्यूटर को नेटवर्क कनेक्शन प्रदान करता है। इसे नेटवर्क इंटरफेस कंट्रोलर, नेटवर्क एडॉप्टरए ईथरनेट या लैन एडेप्टर भी कहा जाता है।      

    

9. GATEWAY :-  

नेटवर्किंग में ब्रिजेज का उपयोग जहाॅं दो समान प्रकार के नेटवर्क को आपस में जोड़ने का होता है वहंी पर गेटवे एक ऐसी डिवाईस है जिसका उपयोग  दो असमान नेटवर्क को आपस में जोडने का होता है। इंटरनेट बिल्कुल अनुपयोगी चीज हो जाती अगर गेटवे का उपयोग नहीं हुआ होता                







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