NETWORK VS COMPUTER NETWORK
कंप्यूटर नेटवर्क कां कंसेप्ट समझने से पहले हमे ये समझना भी जरूरी है कि आखिर इस नेटवर्क शब्द का क्या अर्थ होता है ,
जब कोई भी दो या दो से अधिक कंपोनेंट या आॅब्जेक्ट आपस में एक दूसरे से जुड़कर कार्य करते है तो वह एक नेटवर्क का निर्माण करते हैं
उदाहरण के लिए जब दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर आपस में कार्य करते है तो वह ह्यूमन नेटवर्क है
ठीक इसी तरह दैनिक जीवन में हमें कई नेटवर्क दिखाई देते हैं , जब हम बात करते ंहैं कंप्यूटर नेटवर्क की तो इसमें कोई भी दो या दो से अधिक कंप्यूटर मिलकर एक नेटवर्क का निर्माण कर सकते हैं।
PURPOSE OF COMPUTER NETWORK / कंप्यूटर नेटवर्क बनाने का उद्धेश्य
एक अकेला कंप्यूटर सूचनाओं को प्रतिपादित कर सकता है, सूचनाओं को स्टोर कर सकता है लेकिन वहीं कंप्यूटर जब नेटवर्क से जुड़ जाऐ तो हम सूचनाओं को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक आसानी से पहुंचा सकते हैं साथ ही उपलब्ध संसाधन जैसे कि प्रिंटर , स्कैनर , फाॅटौकाॅपी मशीन इत्यादि RESOURCES को भी साझा कर सकते है।
HISTORY OF COMPUTER NETWORK /कंप्यूटर नेटवर्क का इतिहास
दुनिया का पहला कंप्यूटर नेटवर्क ARPANET [advanced research project agency network ] को माना जाता है यह एक अमरीकी संस्था है जिसकी शुरूआत 1968 में हुई थी।
इसकी स्थापना के पीछे मूल उद्धेश्य अमरीकी रक्षा विभाग जिसे डिपार्टमेंट आॅफ डिफेंस कहा जाता है इसके कार्मिको के बीच होने वाले गुप्त सूचनाओं के सुरक्षित आदान प्रदान करना था जिससे किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति तक रक्षा से जुड़ी गुप्त जानकारी ना पहुंच पाऐ।
अमेरिकी रक्षा विभाग की सहायता के लिए बनाऐ गऐ ARPANET की पाॅपुलारिटी तब और बढ़ गई जब 1969 में इसकी सहायता से अमेरिका की नामी 4 बड़ी यूनिवर्सिटीज के कंप्यूटर को आपस में जोड़ दिया गया
1970 में TCP/IP का उद्भव हुआ जिसकी सहायता से नेटवर्क के आकार को और भी अधिक एक्सपांड किया जाने योग्य बना लिया गया। 1990 में कंप्यूटर साइंटिस्ट टिम बर्नर्स ली ने WORLD WIDE WEB (www) का एक सिद्धांत दिया जो कंप्यूटर नेटवर्क के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ आज हम इंटरनेट की दूनिया में 2जी , 3जी , 4जी को देख चुके है जिसका श्रेय टिम बर्नर्स ली के इसी सिद्धांत को दिया जाता है।
नेटवर्क/इंटरनेट तथा इंट्रानेट में अंतर।
वैसे तो नेटवर्क , इंटरनेट तथा इंट्रानेट आपस में एक दूसरे से संबद्ध है लेकिन तीनो में जो एक मुलभूत अंतर है वह निप्न है
जब दो या दो से अधिक कंप्यूटर आपस में जुड़कर कार्य करते है तो वह कंप्यूटर नेटवर्क कहलाता है
लेकिन जब बहुत सारे नेटवर्क जो दूनिया की अलग अलग लोकेशन पर स्थित है वे सभी आपस में जुड़कर कार्य करते है तो इसे इंटरनेट कहा गया है , यह कई सारे नेटवर्काे से बना एक विशाल नेटवर्क है जो पुरी दूनिया में फैला हुआ है , इंटरनेट को NETWORK OF NETWORKS भी कहा जाता है।
जब हम बात करते है इंट्रानेट की तो यह किसी भी आॅर्गेनाइजेशन का एक प्राईवेट नेटवर्क होता है जो केवल उस आॅर्गनाइजेशन के स्तर तक ही वहां कार्यरत एम्पलाॅई के आपस में शेयरिंग और एक्सेसिंग के लिए उपयोग में आता है, इंटरनेट एक पब्लिक नेटवर्क है जहां कोई भी यूजर जिसने डेटा पैक ले रखा हो उसे उपयोग कर सकता है वहीं पर इंट्रानेट को केवल वही व्यक्ति उपयोग कर सकता है जिसके पास उस नेटवर्क को एक्सेस करने की आॅथेंटिक परमिशन हो ।
मोटे तोर पर यदि हम कहें कि कंप्यूटर नेटवर्क घरेलु या परिसर स्तर पर , इंट्रानेट संघठन स्तर पर तथा इंटरनेट विश्व स्तर पर कार्य करता है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
TYPES OF COMPUTER NETWORK / कंप्यूटर नेटवर्क के प्रकार
मुख्य रूप से कंप्यूटर नेटवर्क निम्न प्रकार के होते हैं।
1 LAN [local area network ]
लेन जिसे लोकल एरिया नेटवर्क कहा जाता है , यह सबसे छोटे आकार का नेटवर्क है जो एक कमरे, एक घर या एक परिसर की परिधि तक सिमित होता है , इस प्रकार के नेटवर्क का प्रयोग प्रमुख रूप से डेटा शेयरिंग एवं रिसोर्स अर्थात प्रिंटर, मैमोरी , स्कैनर इत्यादि को शेयर करने के लिए किया जाता है।
2 MAN
[ metropolitan area network ]
मेन जिसे मेट्रोपाॅलिटन एरिया नेटवर्क कहा जाता है , यह मध्यम आकार का नेटवर्क है जो लोकल एरिया नेटवर्क से बड़ा लेकिन वाईड एरिया नेटवर्क से छोटा होता है , इस नेटवर्क का आकार एक कस्बे , एक शहर अथवा एक शहर से उसके पड़ोसी शहर तक फैला हुआ होता है , यह नेटवर्क आवाज , डेटा और इमेज को 200 एमबीपीएस की गति से 75 से 100 किमी की दूरी तक ले जा सकता है।
3 WAN
[ wide area network]
इसका पुरा नाम वाईड एरिया नेटवर्क होता है, , यह नेटवर्क एक बिल्डिंग या एक परिसर में नही बल्कि एक देश से दूसरे देश या एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक फैला हुआ होता है , यह नेटवर्क का सबसे बड़ा प्रकार है, इस प्रकार के नेटवर्क का सबसे प्रमुख उदाहरण इंटरनेट है जिसे वल्र्ड वाईड वैब भी कहते हैं , अमूमन इस प्रकार का नेटवर्क बनाने के लिए विश्व की नामचीन कंपनिया समुद्र में केबल्स बिछाने का कार्य करती है , इन्ही केबल्स के द्वारा एक महाद्वीप से दूसरा महाद्वीप एवं एक देश से दूसरा देश इंटरनेट से जुड़ा हुआ है।
लेन मेन तथा वेन के बीच की तुलना हम इस चित्र से समझ सकते है।
NETWORK TOPOLOGY:-
किसी भी कंप्यूटर नेटवर्क में कंप्यूटरों का आपस में जुड़ने का ढ़ंग ही नेटवर्क टाॅपोलाॅजी कहलाता है
नेटवर्क टाॅपोलाॅजी निम्न प्रकार की होती है।
1 BUS TOPOLOGY :-
यह नेटवर्क टाॅपाॅलाॅजी सबसे साधारण और पारंपरिक प्रकार की होती है इसमें सभी कंप्यूटर सिरियली एक ही केबल से जुड़े हुए होते है इस प्रकार की टाॅपाॅलाॅजी में यदि नेटवर्क में एक भी कंप्यूटर खराब होने पर पुरा नेटवर्क प्रभावित हो जाता है।
2 RING TOPOLOGY :-
इस प्रकार की टाॅपाॅलाॅजी में प्रथम कंप्यूटर को सबसे आखिरी कंप्यूटर से जोड़ दिया जाता है जिससे कोई एक नोड पर कंप्यूटर खराब होने पर पुरा नेटवर्क उससे प्रभावित नहीं होता है।
3 STAR TOPOLOGY
इस प्रकार की टाॅपाॅलाॅजी में सभी कंप्यूटर एक संेट्रल कंप्यूटर से जुड़े रहते है जिसे हब कंप्यूटर कहते हैं, जिसे सर्वर भी कहा जाता है यह जो केन्द्रीकृत हब कंप्यूटर है अन्य सभी कंप्यूटर इससे सर्विस रिक्वेस्ट करते है बदले में हब कंप्यूटर के द्वारा उन्हे रिस्पाॅंस दिया जाता है , जो भी कंप्यूटर हब कंप्यूटर की सेवाऐ लेते है उन्हे क्लाइंट कंप्यूटर कहा जाता है और इस प्रकार के आर्किटैक्चर को क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर कहा जाता है।
4 TREE TOPOLOGY
यह टाॅपाॅलाॅजी स्टार तथा बस टोपोलोजी का सम्मिश्रण होती है क्योंकी इसमें कंप्यूटर बस टाॅपाॅलोजी की तरह एक ही वायर से भी जूड़े रहते है साथ ही एक मुख्य कंप्यूटर से कई सारे अन्य कंप्यूटर जुड़े रहते हे जैसा कि स्टार टोपोलोजी में होता है।
जिस प्रकार पेड़ का मुल 1 होता है उसके बाद कुछ शाखाऐं होती है और फिर कई टहनियां ओर पत्ते ठीक इसी तरह का अरेंजमेंट जब कंप्यूटर नेटवर्क बनाने मंे किया जाता है तो उसे ट्री टाॅपाॅलाॅजी कहते है।
5 HYBRID / MESH TOPOLOGY
जब एक ही नेटवर्क को बनाने में दो या दो से अधिक टाॅपाॅलाॅजी का प्रयोग किया जाता है तो उसे मैश या हाईब्रिड टाॅपाॅलाॅजी कहा जाता है।
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